What is Internal linking in Hindi | Internal linking क्या है?

नमस्ते दोस्तों! इस लेख में हम इंटरनल लिंकिंग (Internal Linking) के बारे में विस्तार से जानेंगे। इंटरनल लिंकिंग क्या होती है(What is Internal linking in Hindi)। यह कैसे काम करती है। इसके प्रकार क्या हैं, और SEO में इसकी क्या भूमिका होती है। इन सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। साथ ही जानेंगे कि इंटरनल लिंकिंग कैसे की जाती है। इसके क्या फायदे हैं, कौन-कौन से टूल्स इसमें मदद करते हैं, और एक्सटर्नल लिंकिंग से यह कैसे अलग है। अगर आप वेबसाइट की रैंकिंग और यूज़र के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना चाहते हैं। तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। आइए शुरू करते है!

Table of Contents

Internal Linking Kya Hai | What is Internal Linking in Hindi (Internal Linking क्या है?)

Internal Linking का मतलब होता है। अपनी वेबसाइट के एक पेज को अपनी ही वेबसाइट के दूसरे पेज से ऐड करना। इससे वेबसाइट को नेविगेट करने में बहुत मदद मिलती है। इससे सर्च इंजन को हमारी वेबसाइट की संरचना समझने में बहुत सहायता मिलती है। इससे SEO रैंकिंग में बहुत सुधार होता है। इंटरनल लिंकिंग से लिंक जूस भी पास होता है। इससे रैंकिंग इम्प्रूव होने में बहुत सहायता मिलती है। जब हम अपनी वेबसाइट के किसी एक पेज को किसी अन्य पेज पर ऐड करते हैं। इसी को इंटरनल लिंक कहते हैं। इससे वेबसाइट के मुख्य पेज को अधिक महत्व मिलता है तथा यूजर को किसी एक विषय से संबंधित जानकारी सर्च करने में सहायता मिलती है।

How Does Internal Linking Work in Hindi | Internal Linking कैसे काम करता है?

Internal Linking का मतलब है अपनी वेबसाइट के एक पेज से उसी वेबसाइट के दूसरे पेज को लिंक करना। इससे वेबसाइट की structure बहुत मजबूत होती है, और Google को यह समझने में बहुत मदद मिलती है।

कैसे काम करता है:

  • User Experience बेहतर करता है: इससे यूज़र को केटेगरी से संबंधित जानकारी बहुत आसानी से मिलती है।
  • Crawling आसान होती है: Internal Linking के यूज़ से Google के बॉट्स एक पेज से दूसरे पेज पर आसानी से पहुँचते हैं।
  • Page Authority पास होती है: इसके यूज़ से एक पेज की ताकत (authority) दूसरे पेज को मिलती है।
  • Bounce Rate कम होती है: इसके यूज़ से यूज़र हमारी वेबसाइट पर ज्यादा समय बिताता है।

Types of Internal Linking in Hindi | Internal Linking के प्रकार

आइए, आसान शब्दों में समझते हैं। इंटरनल लिंकिंग के कौन-कौन से प्रकार होते हैं:

  1. Navigation Links (नेविगेशन लिंक)
  2. Contextual Links (कॉन्टेक्सचुअल लिंक)
  3. Footer Links (फूटर लिंक)
  4. Sidebar Links (साइडबार लिंक)
  5. Image Links (इमेज लिंक)
  6. Breadcrumb Links (ब्रेडक्रम्ब लिंक)
  7. Anchor Links (एंकर लिंक)
इंटरनल लिंकिंग का प्रकार विवरण (Explanation in Hindi)
Navigational Links यह लिंक वेबसाइट के मेनू, हेडर या फुटर में ऐड होते हैं। यह मुख्य पेजों तक पहुंचने में मदद करते हैं।
Contextual Links यह किसी कंटेंट के बीच में होते हैं। यह संबंधित आर्टिकल या पेज से लिंक करते हैं।
Footer Links यह वेबसाइट के नीचे (footer) में होते हैं। यह आमतौर पर जरूरी पेजों जैसे Contact, Privacy Policy, आदि, होते है।
Sidebar Links यह लिंकवेबसाइट के साइडबार में होते हैं। जैसे “Related Posts” या “Popular Posts” अदि।
Breadcrumb Links यह यूज़र को नेविगेशन ट्रैक दिखाते हैं। जैसे: Home > Blog > SEO Tips।
Image Links जब किसी इमेज पर क्लिक करके यूज़र को किसी अन्य पेज पर ले जाया जाता है।
Anchor Links यह उसी पेज के किसी विशेष सेक्शन पर यूज़र को स्क्रॉल करके ले जाते हैं। जैसे – टेबल ऑफ कंटेंट्स।

Why is Internal Linking important for SEO in Hindi | Internal Linking SEO के लिए क्यों जरुरी है?

इंटरनल लिंकिंग SEO के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि:

  • Google के बॉट्स को वेबसाइट स्ट्रक्चर समझने में बहुत मदद मिलती है।
  • इससे लिंक जूस पास होता है और (Page Authority) एक पेज से दूसरे पेज तक पहुंचता है।
  • यूज़र को Related Content आसानी से मिलते है, जिससे Bounce Rate बहुत कम होता है।
  • इससे सर्च इंजन Crawlers सभी पेज को बेहतर तरीके से Index कर पाते हैं।
  • इससे नए Pages को भी अच्छा ट्रैफिक मिल सकता है।

Benefits of Internal Linking in Hindi | इंटरनल लिंकिंग के फायदे

Internal Linking के मुख्य फायदे कुछ इस प्रकार है:

  • SEO में मदद करता है: यह सर्च इंजन को हमारी वेबसाइट के पेज आपस में कैसे जुड़े हुए हैं। यह आसानी से समझने में बहुत मदद करता है। इससे सर्च इंजन में रैंकिंग बेहतर होती है।
  • User Experience सुधारता है: इसके यूज़ से यूजर आसानी से संबंधित जानकारी तक पहुँच सकते है। जिससे वह अधिक समय हमारी वेबसाइट पर बिताते है।
  • Page Authority का वितरण करता है: हाई अथॉरिटी वाले पेज से लिंक करने पर दूसरे पेज की भी वैल्यू और अथॉरिटी बढ़ती है।
  • Crawlability बढ़ाता है: सर्च इंजन बॉट्स हमारी वेबसाइट को बेहतर तरीके से क्रॉल कर पाते हैं।
  • Bounce Rate कम करता है: इससे यूजर एक से अधिक पेज पर विजिट कर सकते है। जिससे बाउंस रेट बहुत कम होता है।
  • Conversion बढ़ाने में मदद करता है: सही लिंकिंग से यूजर को CTA (Call to Action) तक ले जाना बहुत आसान होता है।

What is the Difference Between Internal Linking and External Linking in Hindi | इंटरनल लिंकिंग और एक्सटर्नल लिंकिंग में क्या अंतर है?

इंटरनल लिंकिंग और एक्सटर्नल लिंकिंग के बीच मुख्य अंतर कुछ इस प्रकार है:

विषय आंतरिक लिंकिंग (Internal Linking) बाहरी लिंकिंग (External Linking)
परिभाषा हम अपनी एक वेबसाइट के एक पेज को दूसरे पेज पर ऐड करते है। इसे इंटरनल लिंक कहते है।  जब हम अपनी वेबसाइट के लिंक को किसी अन्य वेबसाइट पर ऐड करते है। इसे एक्सटर्नल लिंक कहते है। 
लिंक का प्रकार अपनी वेबसाइट के भीतर के सारे लिंक। यह वेबसाइट पर बाहर के लिंक होता है।
लिंक का उद्देश्य यूजर को वेबसाइट के अन्य पृष्ठों की ओर मार्गदर्शन करना। यूजर को अन्य वेबसाइटों पर ले जाते है।
SEO पर प्रभाव यह वेबसाइट की संरचना को बेहतर बनाता है, इससे SEO में सुधार होता है। इससे वेबसाइट की विश्वसनीयता और अधिकारिता बढाती है।
प्रभाव इससे यूजर अनुभव बेहतर होता है और पृष्ठों के बीच कनेक्शन स्थापित करता है। इससे अन्य वेबसाइटों पर लिंक होते है। यह ट्रैफिक लाने में मदद करते है।
प्रकार पृष्ठों के बीच लिंक, जैसे: होम पेज, कांटेक्ट पेज, ब्लॉग पोस्ट, आदि। अन्य वेबसाइटों के लिंक, जैसे: सोशल मीडिया, अन्य वेबसाइट लिंकय, आदि।
कंट्रोल यह पूरी तरह से वेबसाइट के मालिक के नियंत्रण में होता है। यह अन्य वेबसाइटों के नियंत्रण में होता है।
लिंक का स्थान वेबसाइट के अंदर के पृष्ठों पर होते हैं। वेबसाइट के बाहर अन्य साइटों पर होते हैं।
उदाहरण एक ब्लॉग पोस्ट में अन्य पोस्ट को लिंक करना। एक ब्लॉग पोस्ट में दूसरे साइट की लिंक ऐड करना।

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निष्कर्ष | Conclusion

दोस्तों! हम उम्मीद करते हैं, इंटरनल लिंकिंग से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक रही होगी। हमारा उद्देश्य है कि हम तकनीकी विषयों को सरल और स्पष्ट भाषा में आपके सामने प्रस्तुत करें। यदि लेख पढ़ने के बाद आपके मन में कोई सवाल हो। तो कृपया नीचे कमेंट करें। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा। अगर यह जानकारी पसंद आई हो। तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। ताकि वह भी इसका लाभ उठा सकें और तकनीकी ज्ञान से समृद्ध हो सकें।

Internal Linking Kya Hai FAQs

Q1: Internal Linking क्या होता है?

Ans: Internal linking एक वेबसाइट के अन्दर एक पृष्ठ से दूसरे पृष्ठ पर लिंक करने की प्रक्रिया है। यह यूजर को नेविगेट करने और खोज इंजन को साइट की संरचना समझने में बहुत मदद करता है।

Q2: Internal Linking क्यों जरूरी होता है?

Ans: यह कई कारण है:

  • यह हमारी वेबसाइट की नेविगेशन को बहुत आसान बनाता है।
  • Google को हमारी वेबसाइट को बेहतर तरीके से क्रॉल और इंडेक्स करने में बहुत मदद करता है।
  • इससे Page authority को एक पेज से दूसरे पेज में ट्रांसफर करता है।
  • यह यूज़र को अधिक समय तक हमारी वेबसाइट पर बनाए रखता है।
Q3: Internal Linking और External Linking में क्या अंतर है?

Ans: Internal Linking और External Linking में अंतर:

  • Internal Linking: यह हमारी वेबसाइट के पेजों को आपस में जोड़ता है ।
  • External Linking: यह हमारी वेबसाइट के पेजों को किसी दूसरी वेबसाइट के पेज से लिंक करता है।
Q4: Internal Linking से SEO को कैसे फायदा होता है?

Ans: यह Google के बॉट्स को पेज की संरचना समझने में मदद करता है।
यह वेबसाइट की Crawl Depth को कम करता है। इससे लिंक जूस (Link Juice) ट्रांसफर होता है। इससे सभी पेजों की रैंकिंग भी सुधरती है।

Q5: Internal Linking करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Ans: इंटरनल लिंकिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • Anchor text (जिस टेक्स्ट पर लिंक लगाया जाए) स्पष्ट और कीवर्ड आधारित हो।
  • Related पेजों को ही लिंक करें।
  • बहुत ज्यादा लिंक न डालें — नेचुरल लगने चाहिए।
  • Broken internal links से बचें।
Q6: क्या Internal Linking केवल ब्लॉग पोस्ट्स में ही करनी चाहिए?

Ans: नहीं, हम Internal Linking वेबसाइट के सभी पेजों की कर सकते है। जैसे: होमपेज, कांटेक्ट पेज, सर्विस पेज, कैटेगरी पेज, ब्लॉग पोस्ट्स, आदि।

Q7: Internal Links कहां-कहां ऐड कर सकते हैं?

Ans: इंटरनल लिंक्स को हम अपनी वेबसाइट के विभिन्न हिस्सों में जोड़ सकते हैं।

  • ब्लॉग पोस्ट के बीच में
  • नेविगेशन मेनू में
  • फूटर में
  • Related Articles सेक्शन में
  • Call-to-Action (CTA) बटन में

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