आज हम इस लेख के माध्यम से आपको वेब डेवलपमेंट की दुनिया का एक महत्वपूर्ण आधार – HTML के बारे में विस्तार से बताएंगे। What is HTML in Hindi क्या है? HTML का पूरा नाम HyperText Markup Language होता है। इस लैंग्वेज को हम वेब पेजों की नींव मान सकते हैं। HTML का यूज़ करके हम वेब पेजेस पर जो कुछ भी देखते हैं। जैसे टेक्स्ट, इमेजेस, वीडियो को वेब पेज पर दिखाना, आदि। जिसका मतलब है कि यह ब्राउज़र को बताती है। हमें वेब पेज पर दिखाई जाने वाली सामग्री को कैसे प्रस्तुत करना है।
What is HTML in Hindi | HTML क्या है?
HTML (HyperText Markup Language) एक मार्कअप लैंग्वेज है। जिसका यूज़ वेब पेज बनाने के लिए किया जाता है। HTML वेब पेजों की संरचना को परिभाषित करता है। जैसे: हेडिंग्स, पैराग्राफ, लिंक्स, इमेजेस और टेबल्स। HTML टैग्स का उपयोग करके लिखा जाता है। जो ब्राउज़र को बताते हैं कि वेब पेज पर सामग्री को कैसे प्रदर्शित करना है। उदाहरण: <h1> टैग एक शीर्षक (heading) को दर्शाता है। <p> टैग पैराग्राफ को दर्शाता है। HTML एक सरल और सीखने में आसान भाषा है। HyperText Markup Language सीखना वेब डेवलपमेंट की दुनिया में प्रवेश करने का सबसे पहला कदम है।
History of HTML in Hindi | HTML का इतिहास
HTML लैंग्वेज की कहानी 1980 दशक के शुरुआती वर्षों में शुरू हुए थी। जब टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) नामक एक वैज्ञानिक ने CERN (यूरोपियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च) में काम कर रहे अन्य वैज्ञानिकों के लिए एक बेहतर तरीके से जानकारी साझा करने की आवश्यकता महसूस की।
HTML1.0:
यह वेब पेज बनाने के लिए यूज़ की जाने वाली पहली मानक मार्कअप लैंग्वेज थी। HTML1.0 को 1993 में लॉन्च किया गया था। इस लैंग्वेज में टेक्स्ट को फॉर्मेट करने के लिए मूलभूत टैग्स शामिल थे। जैसे कि हेडिंग्स, पैराग्राफ, और लिंक्स। हालांकि यह अब प्रचलन में नहीं है। लेकिन यह वेब पेज के लिए एक मील का पत्थर थे।
HTML 2.0:
यह एक वेब पेज क्रिएट करने के लिए यूज़ की जाने वाली मार्कअप लैंग्वेज का दूसरा वर्जन है।HTML 2.0 को 1995 में जारी किया गया था। इसमें टेक्स्ट को फॉर्मेट करने, इमेज, लिंक और टेबल क्रिएट करने के लिए टैग्स का यूज़ किया जाता है। यह वेब पेज की शुरुआती अवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। हालांकि आजकल इसका यूज़ बहुत कम होता है।
HTML 3.2:
यह एक पुरानी वेब पेज मार्कअप लैंग्वेज है। HTML 3.2 को जनवरी 1997 में डब्ल्यू 3 सी सिफारिश के रूप में जारी किया गया था। यह वेब पेजों को क्रिएट करने और सामग्री को परिभाषित करने के लिए टैग्स का यूज़ करता है। HTML 3.2 में टेबल, फॉर्म, और इमेज जैसे बुनियादी लेआउट और मल्टीमीडिया तत्व शामिल हैं।
HTML 4.01:
यह एक हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज है। HTML 4.01, 1999 में जारी किया गया था। इसका यूज़ वेब पेज बनाने के लिए किया जाता है। यह एक मानक है। यह वेब ब्राउज़र को बताता है। कि वेब पेज को कैसे प्रदर्शित करना है। HTML 4.01 का उपयोग करके, आप टेक्स्ट, छवियों, लिंक और अन्य सामग्री को व्यवस्थित कर सकते हैं।
HTML5:
यह वेब पेज क्रिएट करने के लिए यूज़ की जाने वाली मार्कअप लैंग्वेज का लेटेस्ट संस्करण है। HTML5 को जनवरी 2008 में जारी किया गया था। यह वेब पेज के डिज़ाइन को परिभाषित करता है। जैसे: हेडिंग्स, पैराग्राफ, लिंक्स, इमेज, आदि। HTML5 में कई नए तत्व और विशेषताएँ शामिल हैं। जैसे: वीडियो और ऑडियो समर्थन, कैनवास ग्राफिक्स, स्थानीय स्टोरेज, और बेहतर खोज इंजन अनुकूलन। यह वेब पेजों को अधिक इंटरैक्टिव, गतिशील और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने में सहायता करता है।
HTML Versions in Hindi | HTML संस्करण
HTML के मुख्य संस्करण ये है।
- HTML 1.0 (1993) – पहला बेसिक HTML वर्जन।
- HTML 2.0 (1995) – बेसिक फीचर्स को स्टैंडर्ड किया।
- HTML 3.2 (1997) – टेबल्स, स्टाइलिंग, स्क्रिप्टिंग सपोर्ट।
- HTML 4.01 (1999) – CSS सपोर्ट, बेहतर फॉर्म और स्क्रिप्टिंग।
- XHTML 1.0 (2000) – XML बेस्ड HTML, ज्यादा स्ट्रिक्ट।
- HTML5 (2014) – ऑडियो, वीडियो, कैनवास, सेमांटिक टैग्स, मोबाइल फ्रेंडली।
Features of HTML in Hindi | HTML की विशेषताएँ
HTML का सरल उदाहरण
HTML लैंग्वेज का यूज़ वेब पेज बनाने के लिए होता है। यह एक मार्कअप लैंग्वेज है। यह ब्राउज़र को बताती है कि टेक्स्ट को कैसे दिखाना है।
सरल HTML उदाहरण:
<!DOCTYPE html>
<html>
<head>
<title> पहला वेब पेज</title>
</head>
<body>
<h1>हेलो, वर्ल्ड !</h1>
<p>यह मेरा पहला वेब पेज है।</p>
</body>
</html>
संक्षिप्त विवरण:
- <!DOCTYPE html> → HTML के डाटा को परिभाषित करता है।
- <html> → HTML का सारा कोड इस टैग के अंदर लिखा जाता है।
- <head> → इसमें मेटा टैग्स और टाइटल का यूज़ होता है।
- <title> → इसमें वेब पेज में दिखने वाला टाइटल ऐड होता है।
- <body> → वेब पेज का मुख्य डाटा ऐड होता है।
- <h1> → मुख्य टाइटल।
- <p> → पैराग्राफ टैग, पेराग्राफ में टेक्स्ट यूज़ होता है।
Elements of HTML in Hindi | HTML के तत्व
मुख्य रूप HTML में वेब पेज क्रिएट करने के लिए बहुत सारे Elements या टैग्स होते है। जिनके माध्यम से विभिन्न प्रकार की सामग्री को वेब पेज पर शो कराते है। जैसे: हेडिंग ऐड करना, पैराग्राफ ऐड करना, इमेज ऐड करना, लिंक ऐड करना, और बहुत कुछ।
HTML के Elements का उपयोग क्या है:
HTML के Elements का उपयोग वेबसाइट के पेज के अलग अलग भागों को बनाने लिए किया जाता है।
- Headings: HTML में <h1> से <h6> हैडिंग होती है। जिनका यूज़ वेब पेज हैडिंग बनाने के लिए किया है।
- Paragraphs: HTML में <p> element का यूज़ वेब पेज में पैराग्राफ क्रिएट करने के लिए किया जाता है।
- Images: HTML में <img> element का यूज़ वेब पेज पर इमेज ऐड करने के लिए किया जाता है।
- Links: HTML में <a> element का यूज़ वेब पेज पर अन्य पेज के लिंक ऐड करने के लिए किया जाता है।
- Lists: HTML में <ul> और <ol> elements का यूज़ क्रमबद्ध और असंख्य सूचियां बनाने के लिए किया जाता है।
- Tables: HTML में <table> element का यूज़ वेबसाइट पेज पर टेबल क्रिएट करने के लिए किया जाता है।
Applications of HTML in Hindi | HTML के अनुप्रयोग
HTML लैंग्वेज का यूज निम्नलिखित जगहों पर किया जाता है:-
- HTML लैंग्वेज का प्राथमिक यूज़ वेबसाइट बनाने और उनके पेज क्रिएट करने के लिए होता है। इससे वेब पेज का Structure बनाया जाता है।
- HTML लैंग्वेज का यूज़ वेब एप्लिकेशन को डेवलप करने के लिए किया जाता है। वेब एप्लिकेशन का फ्रंटएंड HTML, CSS और JavaScript का यूज़ करके बनाया जाता है।
- HTML लैंग्वेज का यूज़ डॉक्यूमेंट का स्ट्रक्चर बनाने के लिए किया जाता है। जैसे: ब्लॉग पोस्ट, आर्टिकल और अन्य टेक्स्ट-आधारित पोस्ट का स्ट्रक्चर क्रिएट करने के लिए किया जाता है।
- HTML लैंग्वेज का यूज़ ईमेल टेम्प्लेट क्रिएट करने के लिए किया जाता है। मार्केटिंग और प्रमोशनल ईमेल के टेम्पलेट HTML में बनाए जाते हैं।
- HTML लैंग्वेज का यूज़ गेम डेवलपमेंट के लिए किया जाता है। इसका यूज़ वेब पर चलने वाले छोटे गेम डेवलप करने के लिए किया जाता है।
- HTML लैंग्वेज का यूज़ मोबाइल एप्लिकेशन डेवलप करने के लिए किया जाता है। HTML, CSS और JavaScript का यूज़ करके हाइब्रिड मोबाइल ऐप बनाए जाते हैं, जैसे कि Ionic और React Native का यूज़ करके।
- HTML लैंग्वेज का यूज़ एड्स के लिए लैंडिंग पेजेज डेवलप करने के लिए किया जाता है। कंपनियां HTML का यूज़ आकर्षक लैंडिंग पेज और ऑनलाइन विज्ञापन बनाने के लिए करती हैं।
Advantages and Disadvantages of HTML in Hindi | HTML के लाभ और हानियाँ
इस लैंग्वेज के कुछ लाभ और हानि भी हैं। जिन्हें हम विस्तार से समझेंगे।
HTML के लाभ | Advantages of HTML in Hindi
- उपयोग में आसान: इसका यूज़ करना और इसकी कोडिंग सीखना बहुत आसान है। HTML लैंग्वेज को कोई भी बिना अधिक तकनीकी ज्ञान के आसानी से सीख सकता है।
- निःशुल्क और ओपन-सोर्स: यह एक निःशुल्क और ओपन-सोर्स लैंग्वेज है। इस लैंग्वेज को कोई भी बिना किसी लाइसेंस के यूज़ कर सकता है।
- विभिन्न ब्राउज़र्स में समर्थन: HTML लैंग्वेज को सपोर्ट सभी ब्राउज़र्स करते है। जैसे Google Chrome, Mozilla Firefox, Safari, और Edge आदि सपोर्ट करते हैं।
- सर्च इंजन फ्रेंडली: HTML लैंग्वेज से क्रिएट किये गए वेब पेज SEO फ्रेंडली (Search Engine Optimization) के लिए अनुकूल होते हैं। जिसके माध्यम से वेबसाइट को सर्च इंजन में जल्दी रैंक कराने में सहायता मिलती है।
- हल्का और तेज़: HTML एक हल्की और तेज़ भाषा है। जिससे वेब पेज जल्दी से लोड हो जाते है।
- किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर काम करती है: HTML लैंग्वेज किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करती है। जैसे: Windows, Mac, Linux और डिवाइस (Mobile, Tablet, PC) पर आसानी से काम करती है।
- मल्टीमीडिया इंटीग्रेशन: HTML लैंग्वेज में ऑडियो, वीडियो और इमेज को आसानी से वेब पेज में जोड़ा जा सकता है।
HTML के नुकसान | Disadvantages of HTML in Hindi
- केवल स्थैतिक वेब पेज बना सकता है: HTML लैंग्वेज का यूज़ केवल स्थैतिक वेब पेज क्रिएट के लिए उपयुक्त है। डायनेमिक वेब पेज क्रिएट करने के लिए JavaScript या PHP जैसी अन्य लैंग्वेज को यूज़ करने की जरूरत होती है।
- सीमित कार्यक्षमता: HTML लैंग्वेज में कोई भी बिल्ट-इन फ़ंक्शन नहीं होते है। जिससे जटिल कार्यों को करने के लिए अन्य लैंग्वेज की आवश्यकता होती है। जैसे: JavaScript, PHP, आदि.
- अधिक कोडिंग की आवश्यकता: HTML लैंग्वेज में हर तत्व के लिए मैन्युअली कोड करना पड़ता है। जिससे बड़ा प्रोजेक्ट बहुत complex हो सकता है।
- सुरक्षा की कमी: HTML लैंग्वेज में स्वयं की कोई सुरक्षा सुविधा नहीं होती है। इसलिए वेबसाइट की सुरक्षा के लिए अन्य तकनीकों का यूज़ करना पड़ता है।
- डेटाबेस कनेक्शन सपोर्ट नहीं करता: HTML का कोई डेटाबेस कनेक्ट नहीं होता है। इसके लिए PHP, MySQL, या अन्य सर्वर-साइड लैंग्वेज की जरूरत होती है।
Difference Between HTML & CSS in Hindi | HTML और CSS में अंतर
विशेषता | HTML | CSS |
पूरा नाम | HyperText Markup Language | Cascading Style Sheets |
परिभाषा | HTML एक मार्कअप लैंग्वेज है। इसका यूज़ वेब पेज का स्ट्रक्चर बनाने के लिए किया जाता है। | CSS एक स्टाइल शीट लैंग्वेज है। जिसका यूज़ HTML पेज को स्टाइल देने के लिए होता है। |
उद्देश्य | वेब पेज की हेडिंग, पैराग्राफ, टेबल, इमेज, लिंक, टेबल आदि जोड़ने के लिए। | वेब पेज के लेआउट, रंग, फॉन्ट, बटन और डिजाइन को बेहतर बनाने के लिए। |
काम करने का तरीका | HTMLलैंग्वेज में टैग्स का यूज़ करके वेब पेज की संरचना तैयार की जाती है। | CSS का यूज़ HTML एलिमेंट्स की स्टाइलिंग के लिए किया जाता है। |
स्वतंत्रता | HTML लैंग्वेज अकेले वेब पेज बना सकता है लेकिन डिज़ाइन सीमित होती है। | CSS लैंग्वेजअकेले काम नहीं कर सकती, यह HTML के साथ मिलकर वेब पेज को आकर्षक बनाती है। |
कोडिंग की जटिलता | HTML कोडिंग सरल होती है। | CSS कोडिंग अधिक विस्तृत हो सकती है, विशेष रूप से जब जटिल डिज़ाइन की आवश्यकता होती है। |
फाइल एक्सटेंशन | .html या .htm | .css |
प्रकार | HTML5 नवीनतम संस्करण | CSS3 नवीनतम संस्करण |
उदाहरण | <h1>टाइटल </h1> | h1 { color: blue; font-size: 20px; } |
HTML का उदाहरण:
<!DOCTYPE html>
<html>
<head>
<title>हेलो वर्ल्ड</title>
</head>
<body>
<h1>टाइटल </h1>
<p>पैराग्राफ</p>
</body>
</html>
CSS का उदाहरण:
body {
background-color: lightblue;
font-family: Arial, sans-serif;
}
h1 {
color: darkblue;
text-align: center;
}
p {
font-size: 18px;
color: black;
}
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Conclusion | निष्कर्ष
नमस्ते दोस्तों! हमें उम्मीद है कि हमारे लेख को पढ़कर आप सभी को HTML के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इस लेख को पढ़कर आपने जाना कि HTML (HyperText Markup Language) क्या है? यह कैसे काम करता है? इस लैंग्वेज की वेबपेज बनाने में इसकी क्या भूमिका होती है? इसके अलावा, आपने HTML के इतिहास के बारे में भी जाना होगा। कैसे Tim Berners-Lee ने 1991 में इसे डेवलप किया और यह वेब डेवलपमेंट की नींव बनी। HTML के विभिन्न टैग, एलिमेंट्स और स्ट्रक्चर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिली होगी। जिससे आप वेबपेज डिज़ाइन कर सकते हैं। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए लाभदायक रहा होगा। अब आप HTML का सही यूज़ कर सकेंगे।